About AI

आज का हमारा विषय है आज ऑफिशिल इन्टेलिजेन्स। इसके बारे में आपने जरूर सुना होगा और आज कल तो हम सभी स्मार्टफोन्स में गूगल मैप और गूगल असिस्टेंट जैसे सॉफ्टवेयर के रूप में इसका इस्तेमाल भी कर रहे हैं।

इस पूरे ब्रह्मांड में मनुष्य ही एक ऐसा जीव है जिसे ईश्वर ने दिमाग देने के साथ उसको सही तरीके से उपयोग करने की कुशलता भुगतान की है। मनुष्य अपनी बुद्धि और कुशलता से आज कहाँ से कहाँ पहुँच गया है अपने इस बुद्धि के बल पर इंसानो  ने कंप्यूटर, इन्टरनेट, स्मार्ट फ़ोन से जैसे और भी कई सारे आविष्कार किया है, जिसकी वजह से हम मनुष्य की जिंदगी को एक नई दिशा मिली है।

 टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में इंसान ने इतना विकास कर लिया है की अब उसी की तरह सोचने समझने और अपने दिमाग का इस्तेमाल करने वाला एक चलता फिरता मशीन तैयार करने के बारे में सोच रहा है, जो बिल्कुल इंसानों की तरह ही काम करने की क्षमता रख सकता है।उस एडवान्स्ड टेक्नोलॉजी से बनने वाले मशीन को ही आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स कहा जाता है। इसके बारे में  लोगों को ज्यादा कुछ नहीं पता। इसीलिए आज हम आपके लिए इस ब्लॉग में एआइ यानी आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स से जुड़ी खास जानकारी लेकर आए हैं, जिसमें आपको एआइ क्या है? इसका इस्तेमाल कहा किया जाएगा और इसके क्या फायदे और नुकसान हैं इन सभी के बारे में बताएंगे।

तो सबसे पहले हम जाएंगे की आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स होता क्या है? 

आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स होता क्या है? 

आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स जिसे हिंदी में कृत्रिम बुद्धिमता कहा जाता है, यहाँ कृत्रिम का मतलब है कि किसी व्यक्ति के द्वारा बनाया हुआ और बुद्धिमत्ता का मतलब है इन्टेलिजेन्स यानी सोचने की शक्ति। एआइ कंप्यूटर विज्ञान की एक शाखा है जो ऐसे मशीन्स को विकसित कर रही है।इंसानो  की तरह सोच सके और कार्य कर सकें। जब हम किसी कंप्यूटर को इस तरह तैयार करते हैं कि वह मनुष्य की अक्लमंदी की तरह कार्य कर सकें तो उसे आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स कहते हैं।

 अर्थात जब हम किसी मशीन में इस तरह के प्रोग्राम सेट करते हैं कि वो एक मनुष्य की भांति कार्य कर सके, उसे आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स कहा जाता है।

आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स मनुष्य के अंदर केशे बढ़ती है.?

ये जो इन्टेलिजेन्स की ताकत होती है ये हम मनुष्य के अंदर अपने आप ही बढ़ती हैं। कुछ देखकर कुछ सुनकर कुछ छू कर की हम ये सोच सकते हैं की उस चीज़ के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए।

 ठीक उसी तरह से कंप्यूटर यंत्र के अंदर भी एक तरह का इन्टेलिजेन्स डेवलप कराया जाता है, जिसके जरिए कंप्यूटर सिस्टेम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है। जो उन्ही तर्कों के आधार पर चलता है, जिसके आधार पर मानव मस्तिष्क काम करता है। 

AI की पारी कल्पना 

कंप्यूटर साइंस के कुछ वैज्ञानिक ने AI की परिकल्पना दुनिया के सामने रखी थी, जिसमें उन्होंने बताया था की एआइ कॉन्सेप्ट के द्वारा एक ऐसा कंप्यूटर कंट्रोल्ड मशीन या एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाने की योजना बनाई जा रही है, जो वैसा ही सोच सके जैसे इंसान का दिमाग सोचता है।मानव सोचने, ऐलिस करने और याद रखने का काम भी अपने दिमाग की जगह पर यंत्र कंप्यूटर से कराना चाहता है। इसीलिए आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स की प्रगति पर ज़ोर दिया जा रहा है। कंप्यूटर साइंस में एआइ को मशीन लर्निंग के नाम से भी जाना चाहता है। मशीन लर्निंग एआइ का एक हिस्सा है।

इस सिस्टम को अपने अनुभव से अपने आप ही सीख रहे हैं और खुद को इम्प्रूव करने की क्षमता देता है।और इसमें प्राथमिक महत्त्व कंप्यूटर्स को खुद से इंसान के बिना ही सीखने के लिए अनुमति देना होता है। मशीन लर्निंग कंप्यूटर प्रोग्राम्स के डेवलपमेंट पर फोकस करता है जो डेटा को ऐक्सेस कर सके और उसमें अपने आप सीख सके। इस तरह मनुष्य अपने अनुभव से अपनी क्षमता को बेहतर करते हैं, ठीक उसी तरह है, आइ के प्रोग्राम्स भी है जिसके जरिये मशीन्स भी सीखने का काम कर सकते हैं।आज के समय में एआई और मशीन लर्निंग के लिए सबसे ज्यादा पाइथन प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग किया जा रहा है।

AI  शुरुआत किसने की?

 चलिए अब हम जानेगे की AI  शुरुआत किसने की? जब इंसान कंप्यूटर सिस्टम की असली ताकत की खोज कर रहा था तब मनुष्य के दिमाग में उन्हें ये सोचने पर मजबूर किया की क्या एक मशीन भी इंसानों की तरह सोच सकती है? इसी सवाल से आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स के विकास की शुरुआत हुई। जिसके पीछे केवल एक ही उद्देश्य था की एक ऐसा बुद्धिमान मशीन की संरचना की जाए जो की इंसानों की तरह ही बुद्धिमान हो और उनकी तरह ही सोचने, समझने और सीखने की क्षमता रखता हो। 

1995 में सबसे पहले जॉन मैकार्थर ने आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स शब्द का इस्तेमाल किया था। वो एक अमेरिकन कंप्यूटर साइंटिस्ट थे। जिन्होंने सबसे पहले इस टेक्नोलॉजी के बारे में सन 1956 में एक कॉन्फ्रेंस में बताया था। इसीलिए उन्हें फादर ऑफ आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स भी कहा जाता है। आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स कोई नया विषय नहीं है। दर्शकों से दुनिया भर में इस पर चर्चा होती। मैट्रिक्स, रोबोट, टर्मिनेटर, ब्लेड रनर जैसी फिल्मों का आधार आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स का ही है, जहाँ रोबोट का स्वरूप दिखाया गया कि कैसे वो इंसानों की तरह सोचता है और कार्यकर्ता है

आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स का उपयोग कहाँ किया जाता है?

आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स की लोकप्रियता बड़े ही ज़ोर शुरू से बढ़ती चली जा रही है। और आज ये एक ऐसा विषय बन गया है जिसके टेक्नोलॉजी और बिज़नेस के क्षेत्रों में काफी चर्चा हो रही है। कई विशेषज्ञों और इंडस्ट्री ऐनालिस्ट का मानना है की या मशीन। शिक्षकों और इंडस्ट्री ऐनालिस्ट का मानना है कि या मशीन लर्निंग हमारा भविष्य है। लेकिन अगर हम अपने चारों तरफ देंखे तो हम पाएंगे की ये हमारा भविष्य नहीं है बल्कि वर्तमान है।

टेक्नोलॉजी के विकास के साथ आज हम किसी ना किसी तरीके से एक से जुड़े हुए हैं और इसका इस्तेमाल भी कर रहे हैं। हाल ही में कई कंपनियों ने मशीन लर्निंग पर काफी निवेश किया है, जिसके कारण कईप्रोडक्ट्स ऐप्स हमारे लिए उपलब्ध हुए।

 तो चलिए आज हम आपको अभी के समय में उपलब्ध होने वाले कुछ किया है के उदाहरण देते हैं। 

  1. आपने ऐप्पल फ़ोन तो देखा ही होगा। इसकी सबसे लोकप्रिय पर्सनल असिस्टेंट सिरी के बारे में भी जरूर सुना होगा। सीरी ए आइ का सबसे बेहतरीन उदाहरण है। इससे आप वो सारी चीजें करवा सकते हैं जो आप पहले इंटरनेट मेंड्राइव करके किया करते थे, जैसे मैसेज सेंड करना, इंटरनेट से इन्फॉर्मेशन ढूंढना, कोई ऐप्लिकेशन ओपन करना, टाइमर सेट करना, अलार्म लगाना जैसे सभी काम आप मोबाइल को बिना हाथ लगाए सीडी से हे सीरी कहकर करवा सकते हैं।आपकी भाषा और सवालों को समझने के लिए मशीन लर्निंग टेक्नोलॉजी का प्रयोग करती हैं। हालांकि ये सिर्फ आईफोन और आईपैड में ही उपलब्ध है। इसी तरह एलेक्सा डिवाइस, विंडोज का कोर्टाना और ऐन्ड्रॉइड फ़ोन की पर्सनल असिस्टेंट गूगल असिस्टेंट है, जो किसी की तरह काम करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
  2.  गूगल अपने कई क्षेत्रों में AI का इस्तेमाल करता है। लेकिन गूगल मैप में एआई टेक्नोलॉजी का अच्छा इस्तेमाल हुआ। गूगल मैप हमारी लोकेशन को ट्रैक करती है और हमें सही रास्ता बताने के लिए डीएनए बल मैपिंग का भी इस्तेमाल करती है और हमें सही रूट बताने में मदद करती है।
  3.   लोकप्रिय ई कॉमर्स वेबसाइट ऐमज़ॉन ने भी एक ऐसा रेवोल्यूशनरी प्रॉडक्ट लॉन्च किया है जिसका नाम है एक ऊ। ये आपके सवालों के जवाब दे सकता है आप के लिए ऑडियो को पढ़ सकता है। आपका ट्रैफिक का हाल और वेदर रिपोर्ट बता सकता है। किसी भी स्पोर्ट का स्कोर और शेड्यूल भी बता सकता है।
  4. AI  का इस्तेमाल सिर्फ स्मार्ट फ़ोन में नहीं है बल्कि ऑटोमोबाइल्स के क्षेत्र में भी इसका बहुत ज्यादा उपयोग किया जा रहा है। अगर आप कार  पसंद करते हैं तो आपको टेसला कार की जानकारी जरूर होगी। ये कार अब तक उपलब्ध सबसे बेहतरीन में से की से जुड़ने के बाद इसमें सेल्फ ड्राइविंग जैसे फीचर्स उपलब्ध है। ऐसे ही ना जाने कितनी सेल्फ ड्राइविंग कारऔर बन रही है जो आने वाले वक्त में भी और स्मार्ट हो जाएंगे।
  5.  ए आइ का इस्तेमाल मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में भी खूब जोरों से हो रहा है। पहले जीस काम को करने के लिए सैकड़ों लोग लगते थे वही आज मशीन की मदद से वही काम बहुत जल्दी और बेहतर किया जा रहा है।
  6. हमें वीडियो गेम्स में भी इसकी झलक लगती है। जैसे कई सारे गेम्स में आपको कंप्यूटर से खेलना होता है जैसे चेस और लूडो। इन सबके अलावा आई का इस्तेमाल स्पीच रिकग्निशन, कंप्यूटर विज़न रोबॉटिक्स, फाइनैंस वेदर फोरकास्टिंग, हेल्थ इंडस्ट्री और एविएशन में भी होता है। आइये दोस्तों, अब हम जानेगे की आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स के।क्या फायदे हैं नंबर एक किया लोग मेरे पास?मार्केट में जॉब नहीं है। जस्ट फ्री और एविएशन में भी होता है। 

आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स के क्या फायदे हैं?

  1.  एआइ एरर  को कम करने में हमारी मदद करता है और अधिक के साथ सटीकता हासिल करने की संभावना बढ़ जाती है।
  2. Ai  का उपयोग करने से तेजी से निर्णय ले रहे हैं और जल्दी से कार्य करने में सहायता मिलती है।
  3. मनुष्य के विपरीत मशीन को लगातार आराम और रिफ्रेशमेंट की आवश्यकता नहीं होती। वो लंबे समय तक काम करने के काबिल होते हैं और ना तो घूमते हैं, ना विचलित होते हैं और ना ही थकते।
  4. AI  की मदद से संचार, रक्षा, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन और कृषि आदि क्षेत्रों में बड़ा बदलाव आ सकता है। 

आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स की क्या नुकसान है? 

  1. आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स के लाभ अभी बहुत स्पष्ट नहीं है लेकिन इसके खतरों को लेकर कहा जा सकता है की ये के आने से सबसे बड़ा नुकसान मनुष्य  का ही होगा। 
  2. ए आई मनुष्यों के स्थान पर काम करेंगे और मशीनें स्वयं ही निर्णय लेने लगे गी और उन पर नियंत्रण नहीं किया गया तो इससे मनुष्य के लिए खतरा भी उत्पन्न हो सकता है।
  3.  विशेषज्ञों का कहना है कि सोचने समझने वाले रोबोट अगर किसी कारण या परिस्थिति में मनुष्य को अपना दुश्मन मानने लगे तो मानवता के लिए खतरा सकता है। 
  4. आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स के निर्माण के लिए भारी लागत की आवश्यकता होती है क्योंकि यह बहुत ही कॉम्प्लेक्स मशीन होती हैं। उनकी मरम्मत और रखरखाव के लिए भारी लागत की आवश्यकता होती है। 
  5. इसमें कोई शक नहीं है की एआइ कई सारी नौकरियों को मनुष्यों से छीन रही है, जिसमें भविष्य में बेरोजगारी की समस्या और भी बढ़ने वाली है।गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई का कहना है कि मानवता के फायदे के लिए हमने आग और बिजली का इस्तेमाल तो करना सीख लिया है पर इसके बुरे पहलुओं से गुजरना जरूरी है। इसी प्रकार आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स भी ऐसी तकनीक है और इसका इस्तेमाल भी हम बहुत से क्षेत्रों में अपने फायदे के लिए कर रहे हैं, लेकिन सच ये भी है कि अगर इसके जोखिम से बचने का तरीका नहीं ढूंढा तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं क्योंकि तमाम लाभों के बावजूद आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स के अपने खबरें आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स आने से हमें जो सुविधाएं मिल रही है, ये आने वाले समय में इसका मनुष्य पर कैसा असर होने वाला है, इसके बारे में आप क्या सोचते हैं? अपनी राय आप हमें कमेंट में जरूर बताये। 

आशा है कि आपको इस ब्लॉग से Ai क्या है इसका उपयोग कहाँ हो रहा है, इसके क्या फायदे हैं और इसके क्या नुकसान है, इससे जुड़ी सारी जानकारी मिल गयी होगी। मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की हमारी ब्लॉग के जरिये आपको दिए गए विषय पर पूरी जानकारी प्राप्त हो सके ताकि आपको कहीं और जाना पड़े। 

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